* करेले कि कथा = केरल = कथकली
* पंजे में भांग डालो = पंजाब = भांगड़ा
* राजा तुम घुमो = राजस्थान = घूमर
* असम कि बहु = असम = बिहु
*अरुण क मुखोटा = अरुणाचल = मुखोटा
* गुज़र गई गरीबी = गुजरात = गरबा
* झाड़ू में छाऊ = झारखण्ड = छऊ
* U K में गडा = उत्तराखंड = गढ़वाली
* अंधेरे मे कच्ची पूरी खाई खाई=आंधरा = कचिपूडि
* छतरी मे गाड़ी = छत्तीसगढ़ = गाडी
* हिम्मत कि धमाल = हिमाचल =धमाल
* गोवा कि मंडी = गोवा = मंडी
* बंगले कि काठी = पशिम बंगाल =काठी
* मेघ लाओ = मेघालय = लावणी
* नाग कि चोच = नागालैंड = चोंग
* उड़ी उड़ीं बबा = उड़ीसा = ओड़िसी
* कान( कर्ण) में करो यक्ष ज्ञान =कर्नाटक = यक्षज्ञान
* जम्मुरा = जम्मू कश्मीर = राउफ
* तुम मिले भरत = तमिलनाडु =भरतनाट्यम
* उत्तर की रास = उत्तर प्रदेश =रासलीला
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सभी राज्यों के नृत्य के नाम याद रखने की मजेदार ट्रिक
[Trick] ग्रहों के क्रम के लिए ट्रिक।
ग्रहो का क्रम
Trick - my very excellent mom just served us noodles
My - Mercury बुध
Very - Venus शुक्र
Excellent- Earth पृथ्वी
Mom - Mars मंगल
Just- Jupiter गुरु
Served - Saturn शनि
Us - Uranus अरुण
Noodles- Neptune वरुण
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[भूगोल] वायुमंडल की विभिन्न परतों के बारे में जानकारी।
वायुमण्डल की विभिन्न परतें-
1-क्षोभमण्डल
►यह मण्डल जैव मण्डलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मौसम संबंधी सारी घटनाएं इसी में घटित होती हैं।
►प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर वायु का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस की औसत दर से घटता है। इसे सामान्य ताप पतन दर कहते है।
►इस मण्डल की सीमा विषुवत वृत्त के ऊपर 18 किमी की ऊंचाई तक तथा ध्रवों के ऊपर लगभग 8 किमी तक है।
2-समतापमण्डल
►इसकी मोटाई 50 किमी से 55 किमी तक है।
►इस मण्डल में तापमान स्थिर रहता है तथा इसके बाद ऊंचाई के साथ बढ़ता जाता है।
►समताप मण्डल बादल तथा मौसम संबंधी घटनाओं से मुक्त रहता है।
►इस मण्डल के निचले भाग में जेट वायुयान के उड़ान भरने के लिए आदर्श दशाएं हैं।
►इसकी ऊपरी सीमा को 'स्ट्रैटोपाज' कहते हैं।
►इस मण्डल के निचले भाग में ओज़ोन
गैस बहुतायात में पायी जाती है। इस ओज़ोन बहुल मण्डल को ओज़ोन मण्डल कहते हैं।
►ओज़ोन गैस सौर्यिक विकिरण की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को सोख लेती है और उन्हें भूतल तक नहीं पहुंचने देती है तथा पृथ्वी को अधिक गर्म होने से बचाती हैं।
3-मध्यमण्डल
►इसका विस्तार 50-55 किमी से 80 किमी तक है।
►इस मण्डल में तापमान ऊंचाई के साथ
घटता जाता है तथा मध्यमण्डल की ऊपरी सीमा मेसोपाज पर तापमान 80 डिग्री सेल्सियस बताया जाता है।
4-आयन मण्डल
►इस मण्डल में ऊंचाई के साथ ताप में तेजी से वृद्धि होती है।
►आयन मण्डल, तापमण्डल का निचला भाग है जिसमें विद्युत आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं।
►ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।
5-बाह्यमण्डल
►इसे वायुमण्डल का सीमांत क्षेत्र कहा जाता है। इस मण्डल की वायु अत्यंत विरल होती है।