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[Budget 2016-17] बजट 2016-17 की महत्वपूर्ण घोषणाएं।

बजट  2016-17 में की गई महत्‍वपूर्ण घोषणाएं
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1.कृषि एवं किसानों के कल्‍याण पर व्‍यापक रूप से ध्‍यान केन्द्रित

क)किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी की जायेगी।

ख)प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 28.5 लाख हेक्‍टेयर भूमि‍पर सिंचाई सुविधा शुरू की जायेगी।

ग)89 सिंचाई परियोजनाओं को फास्‍ट ट्रैक किया जायेगा, जिनके लिए अगले पांच वर्षों के दौरान 86,500 करोड़ रुपये की आवश्‍यकता होगी। इनमें से 23 परियोजनाओं को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा किया जायेगा।

घ)नाबार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि के साथ समर्पित दीर्घकालि‍क सिंचाई कोष बनाया जायेगा।

ङ)सिंचाई पर बाजार उधारी सहित कुल परिव्‍यय 12,157 करोड़ रुपये है।

च)6,000 करोड रुपये की लागत पर बहुपक्षीय वित्‍त पोषण के साथ सतत भूजल प्रबंधन से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम का प्रस्‍ताव किया गया है।

छ)वर्षा सिंचित क्षेत्रों में पांच लाख फार्म तालाबों एवं कुओं तथा जैविक उर्वरक के उत्‍पादन के लिए 10 लाख कम्‍पोस्‍ट गड्ढ़ों का निर्माण किया जायेगा।

ज)मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान किये जायेंगे।

झ)मृदा एवं बीज परीक्षण की सुविधाओं के साथ उर्वरक कंपनियों के 2,000 आदर्श खुदरा केन्‍द्र अगले तीन वर्षों के दौरान खोले जाएंगे।

ञ)एकीकृत कृषि विपणन ई-प्‍लेटफॉर्म को 14 अप्रैल, 2016 को डॉ. अम्‍बेडकर के जन्‍मदिन पर राष्‍ट्र को समर्पित किया जायेगा।

2.वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर 27,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें राज्‍य का हिस्‍सा भी शामिल है। पीएमजीएसवाई को पूरा करने की लक्षित अवधि को दो साल घटाकर वर्ष 2019 कर दिया गया है, जबकि पहले इसे वर्ष 2021 तक पूरा करना था।

3.वर्ष 2016-17 में नौ लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण के रूप में प्रदान किये जाएंगे।

4.भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अनाजों की ऑनलाइन खरीदारी करेगा। इसके तहत समुचित पंजीकरण और खरीद की निगरानी करने से पारदर्शिता आयेगी और किसानों को सहूलियत होगी।

5.पशु स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम ‘पशुधन संजीवनी’ शुरू किया जायेगा। ‘नकुल स्‍वास्‍थ्‍य पत्र’ जारी किये जाएंगे।

6. ग्रामीण क्षेत्र   

क)14वें वित्‍त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ रुपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रति ग्राम पंचायत 81 लाख रुपए एवं प्रति नगर पालिका 21 करोड़ रुपए अनुदान सहायता दी जाएगी।

ख)सूखाग्रस्‍त एवं ग्रामीण समस्‍याग्रस्‍त क्षेत्रों के प्रत्‍येक प्रखंड को दीनदयाल अंत्‍योदय मिशन के तहत सहायता दी जाएगी।

ग)300 रुरबन कलस्‍टर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास केंद्रों को सहायता देंगे।

घ)सभी गांवों में 1 मई 2018 तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।

ङ)अगले 3 वर्षों में लगभग 6 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए ग्रामीण भारत के लिए एक नई डिजिटल साक्षरता मिशन योजना प्रारंभ की जाएगी।

च)संशोधित राष्‍ट्रीय भूमि रिकॉर्डों कार्यक्रम के जरिए भूमि रिकॉर्डों का आधुनिकीकरण।

छ)राष्‍ट्रीय ग्राम स्‍वराज कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।

7.सरकारी सब्सिडियों एवं लाभों की लक्षित आपूर्ति जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे गरीबों एवं हकदारों तक पहुंच सकें।

क)आधार संरचना का उपयोग करते हुए वित्‍तीय एवं अन्‍य सब्सिडियों आदि की लक्षित आपूर्ति के लिए नया कानून।

ख) उर्वरक में डीबीटी को प्रायोगिक आधार पर प्रारंभ किया जाएगा।

ग)देश में कुल 5.35 लाख उचित दर दुकानों में से 3 लाख दुकानों को मार्च 2017 तक ऑटोमेट किया जाएगा।

8.मुद्रा – 2016-17 में 1,80,000 करोड़ रुपए का ऋण लक्ष्‍य।

9.सामाजिक क्षेत्र

क)गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराने के लिए व्‍यापक अभियान प्रारंभ किया जाएगा। 2016-17 में 1.5 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। कुल 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल करने के लिए यह योजना 2 वर्ष और जारी रहेगी। परिवार की महिला सदस्‍य के नाम पर एलपीजी कनेक्‍शन दिए जाएंगे।

ख)नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना प्रारंभ की जाएगी। प्रति परिवार 1 लाख रुपए और वरिष्‍ठ नागरिकों को अतिरिक्‍त 30 हजार रुपए तक के स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान किए जाएंगे।

ग)2016-17 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,000 स्‍टोर खोले जाएंगे।

घ)राष्‍ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। डायलिसिस उपकरणों के कुछ विशेष हिस्‍सों को कर छूट दी जाएगी।

ङ)अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों के लिए एक नई आर्थिक प्रणाली का गठन किया जाएगा। एमएसएमई मंत्रालय में एससी/एसटी हब का निर्माण किया जाएगा।

10.शिक्षा

क)जिन जिलों में अभी तक नवोदय विद्यालय नहीं है, वहां पर 62 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे।

ख)विश्‍व स्‍तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान संस्‍थानों के रूप में उभरने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 10-10 संस्‍थानों को एक सक्षमकारी नियामकीय ढांचा मुहैया कराया जाएगा।

ग)एक हजार करोड़ रुपए के प्रारंभिक पूंजी आधार के साथ उच्‍चतर शिक्षा वित्‍त पोषण एजेंसी की स्‍थापना की जाएगी।

घ)शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों, मार्क्‍स-शीट, पुरस्‍कारों इत्‍यादि के लिए डिजिटल डिपोजिटरी की स्‍थापना की जायेगी।

11.कौशल

क)प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1500 बहु कौशल प्रशिक्षण संस्‍थान स्‍थापित किये जायेंगे।

ख)उद्योग जगत एवं शिक्षाविदों के साथ भागीदारी कर राष्‍ट्रीय कौशल विकास प्रमाणन बोर्ड स्‍थापित किया जायेगा।

ग)ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के जरिये 2200 कॉलेजों, 300 स्‍कूलों, 500 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों तथा 50 व्‍यावसायिक प्रशिक्षण केन्‍द्रों में उद्यमिता शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

12.रोजगार सृजन

क)भारत सरकार ईपीएफओ में नामांकन कराने वाले सभी नये कर्मचारियों के लिए रोजगार के प्रथम तीन वर्षों के दौरान 8.33 प्रतिशत का ईपीएस अंशदान अदा करेगी। यह उन सभी कर्मचारियों पर लागू होगा जिनका मासिक वेतन 15000 रुपये है।

ख)आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए को संशोधित किया जा रहा है, ताकि रोजगार सृजन से जुड़े प्रोत्‍साहनों का दायरा बढ़ सके।

ग)राष्‍ट्रीय कैरियर सेवा प्‍लेटफॉर्म के साथ राज्‍य रोजगार कार्यालयों को जोड़ा जायेगा।

घ)छोटी एवं मझोली दुकानों को स्‍वैच्छिक आधार पर सप्‍ताह में सातों दिन खुले रखने की इज़ाजत दी जायेगी। रिटेल क्षेत्र में नये रोजगार।

13.बुनियादी ढांचा, निवेश, बैंकिंग, बीमा इत्‍यादि क्षेत्रों में उपाय

क)वर्ष 2016-17 में सड़कों और रेलवे के पूंजीगत व्‍यय पर 2,18,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।इसमें शामिल हैं –     पीएमजीएसवाई के लिए 27000 करोड़ रुपये

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के लिए 55,000 करोड़ रुपये

एनएचएआई बांडों के लिए 15,000 करोड़ रुपये

रेलवे के लिए 1,21,000 करोड़ रुपये

ख)बगैर उपयोग एवं कम इस्‍तेमाल वाली हवाई पट्टियों को एएआई बहाल करेगा और इसमें राज्‍य सरकारों के साथ भी भागीदारी होगी।

ग) परमिट प्रणाली को समाप्‍त कर सड़क परिवहन क्षेत्र (यात्री खंड) को खोला जाएगा। इससे गरीब एवं मध्‍यम वर्ग लाभान्‍वित होंगे, नये निवेश को प्रोत्‍साहन मिलेगा, स्‍टार्टअप उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा एवं नये रोजगार सृजित होंगे। यह एक प्रमुख सुधार है।

घ)बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जन उपयोगिता (विवादों का निपटारा) विधेयक पेश किया जायेगा और पारदर्शिता से समझौता किये बगैर पीपीपी करारों पर नये सिरे से बातचीत के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।

ङ)एफडीआई नीति में बदलाव।

च)किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत में उत्‍पादित और विनिर्मित खाद्य पदार्थों के विपणन में एफआईपीबी के जरिए शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जाएगी। इससे खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग को प्रोत्‍साहन मिलने के साथ-साथ नए रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।

छ)रणनीतिक विनिवेश के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई है और उनकी जल्‍द ही घोषणा की जाएगी।

ज)केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की निजी इकाइयों का नई परियोजनाओं में निवेश के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्‍य से विनिवेश किया जा सकता है।

झ)वित्‍तीय क्षेत्र में वित्‍तीय कंपनियों के वियोजन पर एक व्‍यापक कोड़ को अधिनियमित किया जाएगा। बैंक दिवालिया और दिवालियापन कानून के साथ इस कोड़ से बड़ा क्रमबद्ध खाली स्‍थान की भरपाई होगी। यह एक बड़ा सुधार करने वाला कदम है।‍

ञ)परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों को मजबूत बनाने के लिए सारफेसी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इससे बैंक को विवादित परिसंपत्तियों से निपटने में मदद मिलेगी।

ट)सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों – (ए) सार्वजनिक क्षेत्रों के  बैंकों का पुन: पूंजीकरण, (बी) सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों की मजबूती के लिए रोड़ मैप की घोषणा की जाएगी, (सी) आईडीबीआई बैंक में सरकार की इक्विटी को 49 प्रतिशत को घटाने पर विचार, (डी) न्‍यायालय के मामलों की कम्‍प्‍युटरीकृत प्रोसेसिंग के साथ डीआरटी को मजबूत किया जाएगा।

ठ)पारदर्शिता, जवाबदेही और निपुणता में सुधार लाने के लिए सामान्‍य बीमा कंपनियों को स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में सूचीबद्ध किया जाएगा।

ड)गैर-कानूनी जमावर्ती योजनाओं से निपटने के लिए व्‍यापक केन्‍द्रीय कानून तैयार किया जाएगा।

14.राज्‍यों और जिलों को जोड़ने के लिए ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ का शुभारंभ किया जाएगा।

15.वस्‍तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीदारी के लिए डीजीएसएंडडी द्वारा प्रौद्योगिकीजन्‍य मंच स्‍थापित किया जाएगा। इससे पारदर्शिता और निपुणता में सुधार के साथ-साथ खरीदारी की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी।

16.वित्‍तीय विधा :

क)वर्ष 2016-17 में वित्‍तीय घाटा का लक्ष्‍य जीडीपी का 3.5 प्रतिशत।

ख)एफआरबीएम अधिनियम की समीक्षा के लिए समिति का गठन

ग)2017-18 से गैर-योजना वर्गीकरण को हटाना

घ)केन्‍द्रीय योजना स्‍कीमों को युक्तिसंगत बनाना। केन्‍द्रीय योजना के तहत 1500 से ज्‍यादा स्‍कीमों को तकरीबन 300 केन्‍द्रीय क्षेत्र और 30 केन्‍द्र प्रायोजित योजनाओं में पुनर्गठित किया गया है।

साभार - मंत्रा एकेडेमी

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