मनरेगा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) अपनी शुरुआत के पांच वर्ष पूरा करने जा रहा है। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में 2 फरवरी, 2006 से यह अधिनियम अस्तित्व में आया था। तब से अब तक लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए रोजगार सृजित कर इसने लोगों की जिंदगी में गहरी पैठ बना ली है। देश के 625 से अधिक जिलों में फैला यह कार्यक्रम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। ग्रामीण भारत की उत्पादकता वृद्धि, खरीद क्षमता में वृद्धि, विस्थापन की समस्या में कमी और टिकाऊ संपत्ति के सृजन में इस कार्यक्रम ने योगदान दिया है।
उद्देश्य----------: -इस अधिनियम का उद्देश्य ग्रामीण लोगों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों के बेरोजगार, पर अकुशल काम करने के इच्छुक सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का रोजगार छत्तीसगढ़ में अभी 150 दिनों का रोजगार मुहैया कराया जाता है। जल संरक्षण, सूखे से बचाव, सिंचाई, भूमि विकास, परंपरागत जलस्रोतों का कायाकल्प, बाढ़ नियंत्रण और जलनिकासी के कार्य, गांवों का शहरों से संपर्क निर्माण और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बीपीएल/इंदिरा आवास योजना के लाभान्वितों/भूसुधार लाभान्वितों/लघु और सीमांत किसानों की जमीनों पर कार्य, इस योजना के तहत किए जाते हैं।