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[Computer] ई-गवर्नेंस क्या होता है?

ई- गवर्नेंस एक ऐसा सिस्टम है जिससे सरकारी काम-काज में पारदर्शिता के साथ-साथ सभी सेवायें जनसामान्य तक तत्काल पहुॅचाया जा रही हैं, बहुत से लोगों को ऑफिसाें के चक्कर लगाने से डर लगता था वह भी अब बडे आराम से इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (National e-Governance Scheme) को मई 2006 में इस दृष्टि के साथ मंजूरी दी: "सभी सरकारी सेवाओं की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हुए उन्हें सस्ती दरों पर और आम सेवा वितरण आउटलेट के माध्यम से आम आदमी के लिए उनके इलाके में सुलभ बनाने एहसास आम आदमी की बुनियादी जरूरत है।"
वर्तमान में एनईजीपी में 27 मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) शामिल हैं और 8 सहायक घटक हैं जो केंद्रीय, राज्य और क्षेत्रीय सरकार के स्तर पर लागू की जानी है। इनमें केंद्रीय स्तर पर आयकर, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क और पासपोर्ट, राज्य स्तर पर भूमि अभिलेख, कृषि और ई-जिला और स्थानीय स्तर पर पंचायत और नगर पालिका शामिल हैं। इसके अतिरिक्त और कई एकीकृत एमएमपी, जैसे - ई-प्रोक्योरमेंट, सर्विस डिलीवरी गेटवे और ईडीआई हैं, जो एकीकृत एमपीपी हैं और जहां सरकार के कई विभागों की परियोजना में इन सेवाओं को लागू किए जाने की परिकल्पना की गई है।
राज्य व्यापी क्षेत्र नेटवर्क (State Wide Area Network): सरकार ने देश भर के 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 3334 करोड़ रूपए लागत से राज्य व्यापी क्षेत्र नेटवर्क (स्वान) की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है। इस योजना में राज्य मुख्यालय से जिला मुख्यालय के माध्यम से प्रखंड मुख्यालय को कम से कम 2 एमबीपीएस कनेक्टिविटी के साथ अंतर सरकारी नेटवर्क के स्थापना की परिकल्पना की गई है। स्वान परियोजना राष्ट्रीय ई गवर्नेंस योजना के तहत जन केंद्रीत परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न मिशन मोड परियोजनाओं के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
सामान्य सेवा केंद्र (CSC): भारत सरकार ने देश भर में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है। सीएससी योजना में 1 लाख ब्रॉडबैंड इंटरनेट – ग्रामीण क्षेत्रों में कियोस्क सक्षम, जो आम नागरिकों को सरकारी और निजी सेवा उनके दरवाजे तक पहुंचाए, के स्थापना की परिकल्पना की गई है। इसके अतिरिक्त 10,000 सीएससी अर्ध-शहरी/शहरी क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। इसमें एक गांव के साथ 6 गांवों की परिकल्पना की गई है।

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