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[Computer] इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी।

सूचना तकनीक अधिनियम (Information Technology Act 2000) भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो 17 अक्टूबर 2000 को पारित हुआ। 27 अक्टूबर 2009 को एक घोषणा द्वारा इसे संशोधित किया गया।
सूचना तकनीक क़ानून, 2000 की प्रस्तावना में ही हर ऐसे लेनदेन को क़ानूनी मान्यता देने की बात उल्लिखित है, जो इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के दायरे में आता है और जिसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तकनीक का इस्तेमाल हुआ हो।
इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स सूचना के आदान-प्रदान और उसके संग्रहण के लिए कागज़ आधारित माध्यमों के विकल्प के रूप में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल करता है।
सूचना तकनीक अधिनियम 2000 से सरकारी संस्थानों में भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दस्तावेजों का आदान-प्रदान संभव हो सकता है और इंडियन पेनल कोड, इंडियन एविडेंस एक्ट 1872, बैंकर्स बुक्स एविडेंस एक्ट 1891 और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 में भी इससे संशोधन किया गया है।
सूचना तकनीक अधिनियम 2000 में संशोधन कर 2008 में किया गया। इस संशोधन के दौरान यह भी ध्यान रखा गया कि यह यूनिसिट्रल या  यूनाइटेड नेशन कमीशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड लॉ के अनुरूप भी हो । यूनिसिट्रल  विश्व स्तरीय कानून है । एक्ट में संचार उपकरण की व्याख्या को भी शामिल  किया गया ।
भारत के आईटी विभाग के वेबसाइट के लिंक से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी ) अधिनियम 2000 एवं भारतीय आईटी (संशोधन) अधिनियम , 2008 को डाउनलोड कर सकते हैं। http://deity.gov.in/content/information-technology-act
भारत सरकार ने सूचनाएं सुरक्षित रखने और सायबर हमले से बचाव की क्षमता पैदा करने के लिए 2nd July 2013 को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 जारी की ताकि देश में भौतिक और कारोबारी दोनों तरह की परिसंपत्तियों रक्षा की जा सके।

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